ॐ नमों नारायण, ॐ गुरूवे नम:, मानव जीवन को समझ पाना मुश्किल है । कभी तो ये बहुत आसान लगता है कभी मुश्किलों से भरा । ये जीवन लम्बा भी है और छोटा भी। आनंद से भरा है तो छोटा है , कठिनाइयों से भरा है तो लम्बा लगता है मानव जीवन है तो परेशनियाँ आयेंगी क्योंकि ये हमें हर पल अनुभव देकर जाती है । जीवन यदि सुख-दुःख, ख़ुशी-ग़म की आँख मिचोली में व्यस्त नहीं रहेगा तो ये जीवन चक्र ख़त्म कैसे होगा। कुछ संस्कार बनते है कुछ ख़त्म हो जाते है । बस हम इतना कर सकते है की इस जीवन को , सुख -दुःख के चक्रव्यूह में नियंत्रण में रखे अपनी जीवन शैली में बदलाव करकें । अपने गुरुजनों के आशीर्वाद से अपने जीवन को एक नई दिशा दे कर । यदि जीवन के हर एक पहलू को नियंत्रण में करना आ जाएगा तो जीवन जीने का तरीक़ा आसान हो जाएगा जब हम एक आध्यात्मिक गुरू के सान्निध्य में होते है तो हमें बहुत कुछ सिखने को मिलता है। अध्यात्म हमें बल देता है क्योंकि हमारे अंदर सभी देवी देवताओं की शक्ति का वास है । सम्पूर्ण ब्रह्मांड हमारे शरीर के अंदर समाहित है । प्रकृति हमारे साथ हर पल जुड़ी है। हमें अपने आप को शारीरिक और मानसिक रूप...
Mahamandaleshwar, Juna Akhara