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Yog Divas: Mataji ka Aashirwad

ॐ गुरूवे नम: योगेन चित्तस्य पदेन वाचां, मलं शरीरस्य च वैद्यकेन।
योऽपाकरोत् तं प्रवरं मुनीनां, पतंजलि प्रांजलिरानतोऽस्मि।।
इस मंत्र का अर्थ है चित्त-शुद्धि के लिए योग (योगसूत्र), वाणी-शुद्धि के लिए व्याकरण (महाभाष्य) और शरीर-शुद्धि के लिए वैद्यकशास्त्र (चरकसंहिता) देनेवाले मुनिश्रेष्ठ पातंजलि को प्रणाम !)

ॐ योग हमारे जीवन का आधार है । सबको अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनायें हर हर महादेव
जीवन एक यात्रा भी है और एक चक्र भी जब घूमता है तो समझ नही आता कहाँ से शुरू हुआ और कहाँ आकर रूक गया। 
ये जीवन चक्र सही ढंग से चलता रहें और समझ में आ जाये कहाँ से शुरू हुआ और कहाँ जाकर ख़त्म होने जा रहा है तो मानव जीवन धन्य हो जयें
मानव ! ईश्वर की सबसे सुंदर रचना है ।
योग जुड़ाव है। अपने जीवन में योग को अपनाओ ये आपकी सारी ऊर्ज़ाओ को एकत्रित कर देगा ये ऊर्जा आपको मानसिक,शारीरिक शांति और शक्ति प्रदान करेगा।
इस जीवन को समझने और इसको शारीरिक और मानसिक रूप से संजोए रखने के लिए हमें जीवन के हर एक अनुभव से गुजरना पड़ता है। 

आज के इस युग में ज़रूरत है इस मानव शरीर और मन को स्वस्थ और निरोग रखने की । ज़रूरत है हमें अपने आप को मज़बूत करने की । हम योग, प्राणायाम और ध्यान के ज़रिए अपने आप को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ और मजबूत रख सकते हैं। योग हमारी प्राचीन परम्पराओं की धरोहर है । हमारे वेद, उपनिषद, पुराणो में योग - ध्यान का वर्णन है। योग हमारी आध्यात्मिक , मानसिक , आत्मिक और शारीरिक शक्ति को बढ़ाने में सहायक होता है।एकमात्र मनुष्य को ही विवेक और कर्म करने का सामर्थ्य ईश्वर कृपा से प्राप्त है । पर यह प्रयत्न तभी सफल होता है जब शरीर और मन दोनों पूर्ण स्वस्थ रहे । हमारे शरीर और मन को स्वस्थ रखने के लिए योग के आठ अंगो में से आसन और प्राणायाम सबसे महत्वपूर्ण है । योगासन एकमात्र ऐसा व्यायाम है जो किसी भी उम्र में किसी के भी द्वारा किया जा सकता है ।बस इतना ख़्याल रखें आप कौन सा योगासन अपना रहे हैं और किसके सान्निध्य में कर रहे है । योगासन और प्राणायाम मन- मस्तिष्क को शांत , उत्साहित और प्रफुल्लित रखता है ।यदि आप आसन , प्राणायाम के साथ ध्यान  जोड़ देते हैं तो आप मानसिक शांति भी प्राप्त कर सकते हैं। यदि हम जीवन में सूर्य नमस्कार आसन को अपनाते हैं जो बारह आसनो का समूह है  , उससे पूरे शरीर का व्यायाम हो जाता है। साथ में सूर्य उपासना भी हो जाती है ।अपने आप को आध्यात्मिक शक्ति से जोड़ दीजिए । अच्छी और सकारात्मक ऊर्जा का अनुसरण कीजिए। जो आपके मनोबल को गिरने नहीं देगा । मंत्र,पूजा पाठ कीजिए। अपने में और उस परमशक्ति में विश्वास कीजिए । अपने संकल्प को मज़बूत बनाइए। सही दिशा में अपने कर्म करते जाइए । 
योग दिवस की सबको शुभकामनायें। उन सबको  धन्यवाद जिन्होंने योग ध्यान को जन- जन तक पहुँचाने में अपना योगदान दिया है । हमें अपनी इस सम्पत्ति को संज़ो कर रखना है। जो अब विश्व धरोहर बन चुका है। पूरी मानवता को धन्यवाद।योग को हर एक दिलों की धड़कन बनाने के लिए। प्रार्थना  
सभी  सकारात्मक शक्तियों से ,सभी संत महात्माओं से , सभी ऋषि मुनियों से , सम्पूर्ण ब्रह्मांड की ऊर्जाओं से कि वो रक्षा करें इस पूरी मानव जाती की,सम्पूर्ण पृथ्वी की। 
ॐ सर्वे भवंतु सूखिन: सर्वे संतु निरामया:। ॐ शांति शांति शांति ।। 

 महामंडलेश्वर चेतना माता 

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