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Ram Mandir Pran Pratishtha ki shubhkamanaye

हे रामा पुरुषोत्तमा नरहरे नारायणा केशवा। गोविन्दा गरुड़ध्वजा गुणनिधे दामोदरा माधवा॥ हे कृष्ण कमलापते यदुपते सीतापते श्रीपते। बैकुण्ठाधिपते चराचरपते लक्ष्मीपते पाहिमाम्॥ राम मंदिर एकता का प्रतीक है ।यह सत्यता का प्रतीक है सनातन का प्रतीक है । यह किसी व्यक्ति विशेष का नहीं है यह मंदिर पूरी मानव जाती के हित का प्रतीक है ।पूरा विश्व सनातनी है । पूरी पृथ्वी एक है ।श्री राजा राम आदर्श वादी राजा रहें है । एक आदर्शवादी जीवन सबके लिए ज़रूरी है । चाहे वो किसी भी धर्म संप्रदाय का हो । आज अयोध्या नगरी इतनी दिव्य भव्य सजी है की कोई देवी देवता अपने आप को नहीं रोक पाएगा वहाँ जाने से। हम लोग भी नहीं समझ पायेंगे कि श्री राम भी आज अपनी अयोध्या नगरी में उपस्थित है । सभी रामायण काल के लोग किसी ना किसी रूप में अयोध्या दर्शन करने आ रहे है।श्री राम मंदिर बनने से आज पूरी प्रकृति आनंदमयीं है ।संपूर्ण ब्रह्मांड जैसे झांक रहा है अयोध्या नगरी को। हम में से किसी ने त्रेता युग की अयोध्या को नहीं देखा लेकिन ऐसा लग रहा है कि शायद ये अयोध्या ये राम मंदिर उस युग से ज़्यादा भव्य , दिव्य है  आज विशेष हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी को ढेर सारा धन्यवाद वो माध्यम बने टूटी माला को जोड़ने में उनके अथक पर्यास से सब लोगो के सहयोग से इस भव्य और दिव्य राममंदिर का निर्माण संपन्न हुआ और हमारे राम लला विराजित हुए अपने मूल स्थान पर  त्रेता युग में भगवान राम को मिला वनवास तो 14 वर्षों के अंतराल पश्चात समाप्त हुआ, किन्तु कलयुग में आरम्भ 1528 ईस्वी में मुग़ल साम्राज्य के दौरान मुग़ल बादशाह बाबर के सिपहसालार मीर बाकी द्वारा तोड़ा गया मंदिर और बनाई गई बाबारी मस्जिद से चला आ रहा 500 वर्षों का वनवास एक लम्बे संघर्षशील एवं हजारों लोगों के बलिदानों के उपरांत 22 जनवरी '2024 को पूर्ण होने जा रहा हैं। जिस प्रकार भगवान राम के जीवन पर आधारित रामायण, रामचरित्रमानस आदर्श जीवन मूल्यों, आचरण, उत्तम चरित्र व अधर्म पर धर्म की विजय का उदाहरण है तो वही 500 वर्षों के मंदिर निर्माण का संघर्ष भी हमारे समक्ष एकता, संकल्प शक्ति, धैर्य और दृणता का सूचक हैं। इतने लम्बे वर्षों के अंतराल में हम सनातनियों ने अपने दृण निश्चय और धैर्य को साधा तथा संकल्प शक्ति और एकता को साथ लेते हुए आज राम मंदिर निर्माण और राम लाला के प्राण प्रतिष्ठा के शुभ अवसर तक जा पहुंचे। अत्यंत कठिन था इस पढ़ाव तक पहुंचना, देशवासियों के प्रयास, साधु -संतो की तपस्या, हज़ारों भक्तों के बलिदान और शौर्य का प्रतीक है यह मंदिर। प्रतेक भारतीय का योगदान इस मंदिर निर्माण को परिपूर्ण बना रहा हैं, किसी ने प्रत्यक्ष तो किसी ने अप्रत्यक्ष रूप से अपनी ऊर्जा शक्ति का प्रयोग ध्यान, जप,तप व मन्त्र शक्ति को माध्यम बना कर अपनी भूमिका सुनिश्चित की। यह एक लम्बी यात्रा रही, कहा जाता है समय पूर्व कुछ नहीं, इसलिए पूर्व से निर्धारित नियति के अनुरूप ही निश्चित समय पर मंदिर निर्माण हो रहा हैं। इतने लम्बे वर्षों के अंतराल बाद मंदिर निर्माण हेतु सभी के साथ देश के नेतृत्व प्रधानमंत्री मोदीजी का योगदान अद्वीतिए और अतुलनीय रहा। इस शुभ कार्य के लिए ईश्वर ने मोदीजी को माध्यम बनाया साथ ही न्याय प्रणाली का न्याय के अनुरूप निर्णय देश की कल्याण कारी व्यवस्था को दर्शाता हैं। इस शुभ घड़ी के लिए जैसे प्रकृति भी पलके बिछाएँ बैठी हो, जटायु पक्षियों के झुण्ड का अयोध्या पहुँचाना, बंदरो की टोली का आना मात्र संजोग नहीं प्रकृति के हर्षउल्हास का सूचक हैं। आज पूरे देश में हर एक स्थान पर श्री राम की पूजा और भंडारा चल रहा है । हर कोई आज अयोध्या नहीं जा पाया लेकिन अपने भाव से हर कोई वहाँ उपस्थित है ।श्री राम पूरी मानव जाति की आत्मा है । प्राण है  इस शुभ अवसर हेतु सभी आत्माओं को कोटि कोटि नमन जिन्होंने अब तक अपने योगदान से इस ऐतिहासिक, अद्भुत व ईश्वरीय कार्य को संपन्न बनाया। सभी देश वासियों को आगामी 22जनवरी, राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह की ढेरों शुभकामनायें, आइये सभी 22 जनवरी को दीप जलाकर भगवान श्री राम का स्वागत करें ।जय श्री राम महायोगी पायलट बाबा जी के भी आश्रम हरिद्वार और सासाराम बिहार में श्री राम पूजा का महोत्सव मनाया गया 

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