ॐ जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महाद्युतिम।
तमो रि सर्वपषपघ्नं सूर्यमषवषह्याम्यहम।
ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:।।
ॐ ह्रीं घृणि सूर्य आदित्य श्रीं ओम्।
ॐ आदित्याय विद्महे मार्तण्डाय धीमहि तन्न सूर्य: प्रचोदयात्।
ॐ गुरूवे नम: ॐ नमों नारायण
मेरे गुरू महायोगी पायलट बाबा ( श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर श्री सोमनाथ गिरी महाराज ) को कोटि कोटि नमन धन्यवाद इन महान गुरु को , जीवन के रहस्य को समझाने के लिये
आज का दिवस विश्व के अधिकांश देशों द्वारा नव वर्ष के रूप में मनाया जाता हैं। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुरूप नव वर्ष का आरंभ जनवरी से होता हैं अर्थात विश्व की बड़ी आबादी नव वर्ष का उत्सव माना रही हैं, हिन्दू पंचाग के अनुसार भारत में नववर्ष चैत्र माह से आरंभ होता हैं, किन्तु भारत वसुधैव कुटुंबकम (सारा विश्व एक परिवार है )जैसे आदर्शो पर विश्वास करता है।
आध्यातम भी यही कहता है हम सब एक है(अद्वैत हैं)। यदि देखे तो सभी कार्यालय के कार्य इसी अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार कार्य करते है, इसलिए ये नव वर्ष नव जीवन का आरंभ हैं।
वर्ष 2023 आ चुका है विगत दो वर्षे में कोरोना महामारी के कारण सभी के लिए अत्यंत कठीन रहें। किन्तु इस नववर्ष हमें नई उम्मीद व संकल्प के साथ आगे बढ़ना है गुरु के आशीर्वाद व ईश्वर कृपा को साथ ले जीवन में सकरात्मक परिवर्तन लाने हैं। स्वयं के भीतर विद्यामन आसुरी शक्तियों ईर्ष्या -द्वेष से ऊपर उठ स्वयं पर विजय पा समाज राष्ट्र व विश्व कल्याण हेतु अपनी भूमिका सुनिश्चित करनी है। अपने प्रयासों से विश्व में शांति स्थापित करनी है। इन्हीं प्रयासों के साथ मनुष्य जीवन की सार्थकता को सिद्ध किया जा सकता हैं।अंग्रेज़ी कलेंडर के अनुसार नववर्ष 2023 में सम्पूर्ण विश्व का स्वागत शुभ आगमन
पूरा विश्व एक नई तिथि में प्रवेश कर रहा है।
प्रार्थना करते है ये प्रवेश एक नई सोच के साथ हो नये विचारों के साथ हो। एक नई सकारात्मक सोच के साथ अपने जीवन को
सम्पूर्ण विश्व में सुख , शांति , समृद्धि अच्छें स्वास्थ्य की कामना प्रार्थना महादेव से , प्रार्थना सभी गुरूजनो से, प्रार्थना इस ब्रहमाँड की सभी देवीय शक्तियों से इस पूरी मानव जाती की रक्षा हो , राक्षस प्रव्रतियों का नाश हो
साल 2020 और साल2021 हम सब लोगों के लिए बहुत संघर्षपूर्ण रहा। 2022कुछ थोड़ा ठीक रहा हम अपने आप को सम्भालने में थोड़ा सक्षम रहें अब हमारा 2023 में आगमन हो गया है ।पिछले दो साल सबसे बड़ी परीक्षा की घड़ी थी।कुछ तो पास हो गयी कुछ नहीं हों पायीं हम पिछड़ गए। अभी भी बहुत सारे परिवार संघर्ष कर रहे है , भूल नही पा रहे है जो उनके साथ घटित हुआ।
लेकिन हमें अपने आप को सम्भालना होगा,हम मनुष्य रूप में पैदा हुए है।हमें इस जन्म मरण के चक्र को पूरा करना ही पड़ेगा। चाहे दुखी हो कर या फिर स्थिति को सम्भालते हुए
हम कितना भी कोशिश करे की हम किसी से बहुत गहराई से ना जुड़े लेकिन मानव रूप में है हम , तो हम अपने संस्कारो और प्रारब्ध के कारण कहीं ना कहीं अटक ही जाते है।लेकिन हमारी संकल्प शक्ति हमें अपने भ्रम जाल से निकालने में मदद करती है।
हमें अपने आपको मज़बूत करने के लिये अध्यात्म से जोड़ देना चाहिए अपने गुरु में विश्वास अपने ईष्ट में विश्वास ही हमें इस संघर्षपूर्ण जीवन से बाहर निकाल पाएगा।
यें विचारो का आपस में मनन , मन , बुद्धि का परेशान होना , अपने को चिंतन के गहन समुंदर में ले जाना ये सब एक सहज जीवन जीने में बाधक है।
हमें अपने को ध्यान से जोड़ना है । मंत्रो की शक्ति से जोड़ना है।यज्ञ की आहुति में अपने सभी नकारात्मक विचारो को झोंक देना है।
बहुत कुछ ख़त्म होने के बाद भी बहुत कुछ बाक़ी है।जितना समय अभी इस पृथ्वी लोक पर बाक़ी है, उसे गुरु कृपा , और ईश्वर कृपा से अच्छें से बीताना है। समझ के संभल के चलना है। जो कुछ भी आपके पास बचा है चाहें वो रिश्ते हो चाहे आपका जीवन जीने का पल , सम्भाल कर रखिए । ईश्वर ने हमें बहुत सारी महत्वपूर्ण , मूल्यवान चीजें दी है किसी ना किसी रूप में , उनका मूल्य समझ कर चलिए। वर्ना जो बचा है वो भी खो देंगे
बस अपने को उस परम शक्तियों से जोड़ कर रखिए। कभी कभी हम इंसान एक दूसरे को समझ नहि पाते , और उस जंग में अपना बहुत कुछ खो देते है । अपना अहंकार अपनी ज़िद ही हमें ले डूबती है।
अपने जीवन के उद्देश्य को समझे ,अपने अच्छें कर्म करतेहुए इस जीवन पथ पर आगे बढ़े
प्रार्थना महादेव सबके जीवन की रक्षा करे माँ प्रकृति भी हमारा साथ देऔर हम माँ प्रकृति का साथ दे सब गरूजनो की कृपा और उनका आशीर्वाद। सब देवीय शक्तियों कि ऊर्जा हम सबके साथ रहे इसी प्रार्थना के साथ ये नव वर्ष हम सबके लिए मंगलमय हों
(चेतना माता )
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