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Happy Hindu New Year! Chetna Mata

भारतीय सनातन संस्कृति में चैत्र मास के शुक्ल प्रतिपदा का अत्यधिक महत्वपूर्ण स्थान हैं, इसी समय हिन्दुओं का नववर्ष का आरम्भ चैत्र माह से होता हैं साथ ही आज से ही हिन्दुओं का अतिविशिष्ट पर्व माँ दुर्गा व शक्ति की उपसना एवं साधना हेतु चैत्र नवरात्रि का भी आरंभ होता हैं। 
भारतीय नववर्ष को ही भारत के विभिन्न क्षेत्रों में भिन्न भिन्न नाम से जाना जाता हैं जैसे महाराष्ट्र में आज ही के दिन 'गुड़ीपढ़वा' मनाये जाने की प्रथा हैं। आंध्रप्रदेश और कर्नाटक में इसी 'उगादि' कहाँ जाता है। 

यदि प्राकृतिक दृष्टि से देखे तो वास्तव में नववर्ष के आगमन का उचित समय यहीं है। चैत्र माह के पूर्व ही प्रकृति नववर्ष के आगाज का संकेत देने लगती हैं.. 
यहीं वह समय हैं जब वृक्षों पर पतझड़ के पश्चात नई कोपे आने लगती हैं, खेतों में फसल पक कर कट चूकि होती हैं व हमारे किसान परिवार खुशहाल होते हैं, आम के वृक्षों पर बोर को देख मन आम हेतु लालायित होने लगता हैं। इस तरह प्रकृति में चारों ओर नवीनता परिलक्षित होती हैं। यहीं वज़ह हैं की हमारे प्राचीन मनीषियों द्वारा इसी समय को हिन्दू पंचांग का आधार बना नववर्ष घोषित किया। 
साथ ही यदि वैज्ञानिक दृष्टि से देखे तो यह ऐसा समय काल हैं जब ब्रह्मांड में विचरण कर रहे ग्रहों की विशेष स्थिति पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध पर अत्याधिक ऊर्जा का संचार करती है, ऊर्जा को ग्रहण करने का यह सर्वोत्तम समय रहता है, यही वजह है आज ही के दिन से शक्ति की उपासना हेतु चैत्र नवरात्रि का भी आरंभ होता है। साधकों हेतु साधना की दृष्टि से यह सर्वोत्तम समय है, इसलिए साधक नवरात्रि के नौ दिवस मां दुर्गा की नौ विभिन्न रूपों में उपासना करते हैं। इसी विशिष्ट स्थिति का उपयोग हमें नवरात्रि में अपनी साधना के दौरान भी करना है, इस नवरात्रि अपने भीतर की नकारात्मकता- ईर्ष्या, द्वेष, घृणा व अंहम का विनाश करते हुए सकारात्मक ऊर्जा का संचार करना हैं तथा अपनी सकारात्मक ऊर्जा का उपयोग विश्व शांति व मानव कल्याण हेतु लाना है व बाहरी आसुरी शक्तियों को भी निस्तेज करना है। 

चैत्र मास के हिन्दू नववर्ष, गुढ़ीपाढ़वा व शक्ति के महा पर्व नवरात्रि की आप को व आप के परिवार को अनेकों अनेक मंगल कामनाएं। माँ दुर्गा आदि शक्ति आप की इस नवरात्रि सभी मनोकामनायें पूर्ण करे साथ ही ये नववर्ष समस्त मानवमात्र और विश्व के लिए शुभ व सुरक्षित हो ऐसी मेरी प्रार्थना हैं माँ आदिशक्ति से 

                                       योग माता चेतना गिरि 
                                   (महामंडलेश्वर जूना अखाड़ा )

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