ॐ नमों नारायण ॐ गुरूवे नम:
मानव मन की स्थिति को समझना बहुत मुश्किल है, उसकी सोचने समझने की शक्ति हर पल बदलती है, रक्त के बहाव की तरह।वह अपने आप को स्थिर नहि कर पाता भूल जाता है कहाँ रुकना चाहिए कहाँ नहीं? इंसान भी कभी कभी बिजली मशीन जैसा व्यवहार करता है बैटरी या इलेक्ट्रिक चार्जिंग ख़त्म तो मशीन काम करना बंद कर देती है उसके कल -पुर्ज़े मध्यम पढ़ जाते है।इंसान अपने आप को भी ऐसा ही कर लेता है।
लेकिन ईश्वर ने आपको ऐसी कभी ख़त्म ना होने वाली चार्जिंग और बैटरी दी है जो आपके दिमाग़ को , आपके सोचने समझने की शक्ति को बनाए रखेगी आपकी बुद्धि को सही दिशा देगी आपको सही ग़लत की पहचान बताएगी।
वो है अपने आप को ईश्वर के क़रीब करना, ध्यान करना , मंत्र करना
जब भी आप तनाव में हो कुछ समझ में ना आए , अच्छे बुरे की समझ ख़त्म हो जाए तों अपने आप को उस परम शक्ति को समर्पित कर दो , अपने आप को शांत करो , ध्यान रखो कुछ ऐसा ना घटित हो जाए की जिससे आपको पूरा जीवन पछताना पढ़े , क्रोध इंसान के विवेक को खो देता है। उसको अपने आस पास के वातावरण से प्रभावित कर देता है।
हमें अपनी ऊर्ज़ाओं का नियंत्रण करना होगा। नहीं तो ये हमी को नुक़सान पहुँचाएँगी इंसान की एक गलती उसकी सारी अच्छाइयों पर पानी फेर देती है
कोई नही , हम इंसान ही तो है , हमें एकदूसरे को समझने का प्रयास करना होगा । हम सब उस परम शक्ति की बनाई हुई संरचना है। कोई तो पूर्ण हो गयी कोई अधूरी रह गई , ऐसे तो कोई भी रचना कभी पूर्ण नहि होती , पूर्ण बनाया जाता है एक दूसरे के माध्यम से, सहयोग से किसी में कुछ ऊर्जा ज़्यादा हे। किसी में कुछ इन ऊर्ज़ाओं के आदान प्रदान से तो ही जीवन चलता है । शरीर में भी कितना रक्त किस अंग को कितना चाहिए वो उतना ही लेने की कोशिश करता है कही भी कम या ज़्यादा हो गया तो वही गड़बड़ हों जाती है । इसलिए हर जगह नियंत्रण बहुत ज़रूरी है। ये सब सम्भव है अपने आप को आध्यात्मिक शक्तियों से जोड़ने पर ।
सब कुछ सम्भव है इस पृथ्वी लोक पर इस पवित्र धरा पर अपने आप को सही दिशा दो ग़लत बिजली का कनेक्शन सब कुछ जला देता है ।
अपने आप पर विश्वास रखो अपने कर्मों को सही राह दिखाओ । अपने संकल्प के धनी बनो।अपने प्रयास नहीं छोड़ने है, और आगे प्रभु इच्छा , नियति , और आपके संस्कार
प्रार्थना सभी शक्तियों से , गुरु से , महादेव से सबका जीवन सुख , शांति समृद्धि से भरा हो
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
Om namo narayan pranam mata ji
ReplyDeleteअत्यंत सुन्दर लेख माताजी 🙏🙏
ReplyDeleteये पूर्णतः सत्य हैं की मानव मन को सदैव एक सामान स्थिति मैं स्थिर रखनाअत्यंत दुष्कर हैं, हां परन्तु गुरु कृपा व ईश्वर के प्रति समपर्ण से सब संभव हैं... 🙏🙏🌺🌹
बेहतरीन लेख माताजी, प्रणाम।।👌👌🙏🙏🌷🌷
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