ॐ नमों नारायण ॐ गुरूवे नम:
पृथ्वी ग्रह सक्रिय हैऔर इसे जीवंत बनाने के लिए मनुष्य को इस ग्रह पर भेजा गया है।
मानव को इस पर ठहरने की नही सोचना चाहिये। हम लोग बहुत कम समय के लिए यहाँ आए है। इसलिए अपने उद्देश्य को समझ कर अपने कर्म पूरे करने में लग जाइए
किसी भी चीज़ से ज़्यादा लगाव ,ज़्यादा प्रेम हमेशा दुखदायी होता है । कर्म करो लेकिन किसी भी चीज़ में ग़हराइयों से मत फँसो ये जीवन माया है हर पल आपको फँसा लेता है । हम यहाँ फँसने के लिए नहीं आए है।इस जीवन को आनंद से जीते हुए समझते हुए इस भव सागर से पार उतर जाना है।
हम इस पृथ्वी लोक पर अकेले आते है लेकिन ईश्वर कोई न कोई माध्यम भेजता रहता है जिससे हमारे जीवन को सही दिशा मिल सके। कोई बताने वाला नहि होगा , कोई रास्ता दिखाने वाला नही होगा तो हमारा जीवन भटक जाएगा ।
ये माध्यम ही हमारे जीवन में लगाव पैदा करता है । क्यूँकि हम मनुष्य है, कही ना कहीं वो कमज़ोर पड़ जाता है। लेकिन हमारे पास आध्यात्मिक शक्ति भी है, जो हमें मज़बूत रखती है। कही कमज़ोर पड़ने नहीं देती
हमारा ईश्वरीय विश्वास ही जीवन देता है।
कौन कब जायें यहाँ से कौन कब आयें इस जहाँ में ,
सब वो ही जाने
बस आप अपने आप को तैयार रखो हर पल हर परिस्थिति से जूझने के लिए
हमारा आगमन ज़रूर हुआ है यहाँ लेकिन समय का कुछ नहि पता बस अपने अच्छें कर्म करते जाइए और अपने आप को ईश्वर से और अपने गुरु से जोड़ कर रखिए।
आपका कर्म अपने प्रति , अपने समाज के प्रति अपने देश के प्रति सजग रहना चाहिए हम सब लोग है तो हमारा राष्ट्र है हमारे हर एक नागरिक का पर्यास ही हमारे देश को आगे ले जाएगा हर एक क्षेत्र में
ये जन्म तो मिल जाता है लेकिन कठिन कार्य क्या होता है इसको संजो के रखना इसी संजोने के लिए ही ईश्वर माध्यम ढूँढता रहता है। तो बस उस ईश्वर से यही प्रार्थना हम सब अपने जीवन के सही रास्ते पर चलते हुए इस भवसागर से तर जाएँ ।
अटकाने का काम भी वही करता है और निकालने का भी , बस विश्वास में ही शक्ति है भक्ति है
हर हर महादेव
चेतना माता
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