ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।
ॐ नमों नारायण। ॐ गुरूवे नम:।
मनुष्य जीवन का चक्र, जन्म और फिर मृत्यु के साथ पूरा होता है। जन्म के समय ख़ुशी होती है और हम ये चक्र बड़े हर्षोंउल्लास से शुरू करते है । ये जीवन हमें बहुत सारे खट्टे- मीठे अनुभव देता है ।
लेकिन सत्य , मृत्यु भय देती है , ये हमें जीवन चक्र से मुक्त कर देती है
आज का समय जो बड़ा भयावह लग रहा है । क्या हो रहा है ? किसी की कुछ समझ में नहीं आ रहा है। कभी कभी हमें जीवन के इतने उतार चड़ाव देखने पड़ते है की जो हमारी सोच से भी परे होते है। ऐसा लग रहा है की ईश्वरीय शक्ति भी काम नही कर रहीं है।
लेकिन ऐसा नही है । हमें अपना विश्वास नहि खोना है ।
हम लोगों को पता है कि कुछ महत्वपूर्ण , मूल्यवान जिनका मोल नही लगा सकते कुछ ना भूलने वाले पल , वो दिव्य आत्मायें जो हमारे बीच में से चली गयी है , वो ही समझ सकते है । उनके दुःख का अंदाज़ा लगाना नामुनकिन है । कुछ खोने का अहसास।
मानव कर्म प्रधान कहा जाता है। हर एक प्राणी एक अलग उद्देश्य से इस पृथ्वी पर आता है।आना जाना हमारे हाथ में नहीं है । कुछ ईश्वरीय लीला हम समझ नहीं पाते ।हम लोग एक दुसरे से इस कद्र जुड़ जाते है की बिछड़ने की सोच भी भयावह लगती है।
इस COVID-19 ने हमें बहुत सारे खट्टे मिट्ठे अनुभव दिए है। बहुत कुछ हमें सिखा दिया।
लेकिन इस संकट की घड़ी में हमें अपना विश्वास नही खोना है, अपने मज़बूत संकल्प के साथ खड़े रहना है। अपने को कमजोर नही होने देना है। अपनी शक्तियों को और मज़बूत करना है। अपने अध्यात्म बल को बढ़ाना है।
जो घट चुका वो वापिस नही आ सकता लेकिन उससे सीख ले कर आज को मज़बूत कर ले।
हमें अपना पर्यास नही छोड़ना है। एक दूसरे क़ो सहयोग करते हुए अपने कर्म करते जाना है । ईश्वर कितनी हमारी परीक्षा लेगा ? वो भी इंसान को परख रहा है । हम ज़रूर परीक्षा में उत्तीर्ण हो जाएँगे, बस घबराना नही , अपने आप को शारीरिक और मानसिक रूप से मज़बूत करना है।ईश्वरीय शक्ति से जुड़े रहना है।
मनुष्य स्वयं बहुत बुद्धिमानी है। अपनी बुद्धि का प्रयोग करते हुए शरीर को शक्तिशाली रखो।सोशल मीडिया में आजकल इतना कुछ बताया जा रहा है कि आप अपनी इम्यूनिटी ( रोग प्रतिरोधक शक्ति )को कैसे मज़बूत करे अपने को कैसे इस वायरस से बचायें।
इतनी सारी आयुर्वेदिक , इतनी सारी एलोपथिक दवाइयों के माध्यम से इलाज बताया जा रहा है । आप और हम सब उसका अनुसरण करे आप मीडिया में वही देखे जो आपको शारीरिक और मानसिक रूप से मज़बूत कर पायें ना की वो जिससे आप डर जाए।
आप योग, प्राणायाम और ध्यान करे सूर्य की उपासना करे जो आपके शरीर को ऊर्जा देगा , थोड़ा सूर्य की किरणो को अपने अंदर प्रविष्ट होने दे। खान पान का ध्यान रखें । गायत्री मंत्र और अपने गुरु मंत्र का जाप करे । दुर्गा कवच का पाठ करे अपने आप को कही भी कैसे भी अपने आप को परिवार और बंधु-बांधवो से जोड़ कर रखे जिससे समय समय पर आप उनसे परामर्श करते रहे। अपनी वर्तमान परिस्थिति के बारे में , अपने स्वास्थ्य के बारे में।
मुझे लगता है हर कोई कहीं ना कहीं अपने आध्यात्मिक गुरु से जुड़ा हुआ है उनके निर्देशो का उनकी सिखाई हुई शिक्षाओं का अनुसरण करे, अपने माता -पिता के बताये, नानी के दादी के नुस्ख़े प्रयोग में लायें, कैसे भी अपना ख़्याल रखें। आपके नियमित योगा और प्राणायाम से आपकी ऑक्सिजन भी अच्छा रहेगा।
बस हमें अपना पर्यास नही छोड़ना है। सरकार के दिशानिर्देशो का भी पालन करना है । वो हमारे लिए ही सोच रहें है।समस्या ही इतनी भयंकर है सोच से परे । सब लोग अपने अपने पर्यासों में लगें है की कैसे इस समस्या से निजात पाई जायें, कैसे सबकी रक्षा हों।
मास्क तो हर हालत में लगाना है जब भी आप किसी के सम्पर्क में आये, बाहर जाए । जितना हो सके घर पर रहें। ज़रूरी काम से ही बाहर जाए।
अपने आप क़ो आशावादी रखो। सकारात्मक विचार ही सकारात्मक ऊर्जा पैदा करते है।
अपने आप को सहयोग करो , आस पास के वातावरण को सहयोग करो, हम सब के सहयोग से , हमारे कठिन पर्यासों से अपने आप को हर पल सजग बनाते हुए ही हम अपने समाज और देश की रक्षा कर पायेंगे।
सबको धन्यवाद है जो इस जंग में एक दूसरे का साथ दे रहे है पूरे भारतवर्ष के सुरक्षा कर्मियों को और जनता को भी जो लोग किसी पद पर नही होते हुए भी दिन रात लगे है जन सेवा में इंसानियत होने का फ़र्ज़ निभाते हुए।
प्रार्थना महादेव से, प्रार्थना अपने गुरूजनो से, प्रार्थना अपने सिद्ध संत महात्माओं से, प्रार्थना अपनी दैवयी शक्तियों से, रक्षा करो इस मानव जाती की।
चेतना माता ( महायोगी पाइलट बाबा शिष्या )
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