तव तत्वं न जानामि कीदृशोऽसि महेश्वर।
यादशोसि महादेव तादृशाय नमोनम:॥
त्रिनेत्राय नमज्ञतुभ्यं उमादेहार्धधारिणे।
त्रिशूल धारिणे तुभ्यं भूतानां पतये नम:॥
गंगाधर नमस्तुभ्यं वृषमध्वज नमोस्तु ते।
आशुतोष नमस्तुभ्यं भूयो भूयो नमो नम:॥
ॐ नमों नारायण ॐ नम: शिवाया ॐ गुरूवे नम:
महादेव शिवशंकर हमारे जीवन की रक्षा करे, मानव जाति की रक्षा करे !
प्रकृति और ये जीवन कभी भी करवट ले लेता है ।
दोनो को नियंत्रण में रहना ज़रूरी है ।
हम हर पल टूटते है , हर पल जुड़ते है। जीवन में कही ना कही हम भी ज़िम्मेदार होते है कुछ ग़लत होने में । लेकिन हम कही नहि झुकना चाहतें । हम अपनी गलती स्वीकार कभी नहि करते , क्यूँकि हमारा अहंकार हमसे भी बड़ा होता है , किसी का नही सुनना ही कभी कभी हमारी असफलता का कारण बन जाता है ।
ये जीवन बहुत सारे उतार-चड़ाव दिखाता है ।जब आप परेशान होते है तो आप इस जीवन से परेशान हो जाते है एक ही पल में आप अपनी सारी ऊर्ज़ाओं के ऊपर से अपना नियंत्रण खो देते है ।
आप भूल जाते हो कि अभी तो जीवन के बहुत सारे आयामों को जीना है।
प्रकृति करवट लेती है , जीवन भी करवट लेता है । जब भी किसी की ऊर्ज़ाओं का नियंत्रण बिगड़ता है तो उसके नियंत्रण के लिए थोड़ा करवट लेना पड़ता है
इसीलिए कहते है हर एक चीज़ को नियंत्रण में रखो नही तो सब कुछ बिगड़ जाएगा!
ईश्वरीय शक्ति, आध्यात्मिक शक्ति , गुरु शक्ति हमें सिखाती है कि जीवन में अपनी ऊर्ज़ाओं को सही दिशा में लें जाओ!
अपने आप को इन शक्तियों से जोड़ दो तो जीवन के पहलू पर खरे उतर पायें!
हमें अपनी प्रकृति और जीवन दोनो का सम्मान करना है। दोनो अपने आप में दिव्य है।
महादेव से प्रार्थना सबके जीवन की रक्षा करे !
Comments
Post a Comment