Skip to main content

Mataji on Dussehra

ॐ नमों नारायण, ॐ गुरूवे नम:, माँ शब्द जिसमें पूरी सृष्टि समायी है। हमारे भारतवर्ष में हर एक घर में माँ दुर्गा की पूजा होती है , नवरात्रि मनायी जाती है , नवदुर्गा का आहवान होता है सारी देवियाँ शक्तियाँ आपके आस पास होती है। अब तो भारतवर्ष के बाहर भी नवरात्रि मनायी जाती है पूरे विश्व में माँ दुर्गा की आराधना होती है सम्पूर्ण पृथ्वी पर माँ की कृपा है उनका आशीर्वाद है ।

बस ज़रूरत है माँ के इस आशीर्वाद को माँ की शक्ति को सही दिशा में ले जाने की , जिससे हमारे जीवन का उद्देश्य पूरा हो सके और हम अपने कर्मों को एक सकारात्मक दिशा दे सके। 

गुरु कृपा से , अपने बड़े जनो केआशीर्वाद से उनके सहयोग से सबने अपने अपने परिवार के साथ नवरात्रि में माँ के नो दिन सबने पूजा किया , हवन किया , सबने संकल्प लिया, मंत्र किया पूजा किया, बस ये ही  प्रार्थना माँ दुर्गा से सबकी रक्षा हो , सबका जीवन सुखी स्वस्थ हो । उनकी कृपा हर एक प्राणी पर रहें। हर कोई अपने संघर्ष में सफल हो। ये जीवन सुचारु रूप से चले हर कोई अपना कर्म अच्छा करे ,एक दूसरे को सहयोग करे औरअपने समाज, अपने देश और पूरे विश्व में  शांति स्थापना करे। माँ की कृपा 

आज विजय दशमी की भी पूजा है ये त्योहार रामायण से जुडा है आज के ही दिन भगवान  श्री राम ने रावण का वध किया था , और देवी दुर्गा ने भी दस दिन के युद्ध के उपरान्त महिषासुर पर विजय प्राप्त की थी।

विजय प्राप्त किया बुराई  से अच्छाई पर । आज विजय का पर्व है। ये पर्व हमारी संस्कृति के वीरता का पूजक, शौर्य का प्रतीक है।

इस दिन लोग शस्त्र-पूजा और वाहन पूजा भी करते है।

इस दिन  राजा लोग विजय की प्रार्थना कर रण भूमि के लिए प्रस्थान करते थे ।

दशहरा का पर्व  हमें प्रेरणा देता है अपने अंदर की सारी बुराइयों को ख़त्म करने की ,हमारे सारे अवगुण दूर हो हम सही और सच्चे रास्ते पर चल पायें। आप अपने अहंकार को, क्रोध को , मोह को, दूसरों को बिना कारण हानि पहुँचाने को, अपने अंदर की हिंसा ,जो आपका विवेक को ख़त्म कर देती है और आप भटक जाते है और ग़लत कर्मों की दिशा में चल देते है । 

ये पर्व हमें संदेश देता है शक्तिशाली बनो , वीर बनो , नाश करो बुराइयों का अपने अंदर से , इस समाज से , जिससे पूरी पृथ्वी सुरक्षित रह सके । 

पूरी मानव जाति की रक्षा हो । विश्व में शांति हो । 

माँ दुर्गा से ये ही प्रार्थना ,  सबकी मनोकामना पूरी करे । सब विजय प्राप्त करे अपने सच्चे और अच्छे उद्देश्य में जीवन में सफलता प्राप्त हो  ॐ ॐ ॐ 

गुरु कृपा , संतो का आशीर्वाद सबके ऊपर बना रहे हर हर महादेव

Comments

Popular posts from this blog

Ram Mandir Pran Pratishtha ki shubhkamanaye

हे रामा पुरुषोत्तमा नरहरे नारायणा केशवा। गोविन्दा गरुड़ध्वजा गुणनिधे दामोदरा माधवा॥ हे कृष्ण कमलापते यदुपते सीतापते श्रीपते। बैकुण्ठाधिपते चराचरपते लक्ष्मीपते पाहिमाम्॥ राम मंदिर एकता का प्रतीक है ।यह सत्यता का प्रतीक है सनातन का प्रतीक है । यह किसी व्यक्ति विशेष का नहीं है यह मंदिर पूरी मानव जाती के हित का प्रतीक है ।पूरा विश्व सनातनी है । पूरी पृथ्वी एक है ।श्री राजा राम आदर्श वादी राजा रहें है । एक आदर्शवादी जीवन सबके लिए ज़रूरी है । चाहे वो किसी भी धर्म संप्रदाय का हो । आज अयोध्या नगरी इतनी दिव्य भव्य सजी है की कोई देवी देवता अपने आप को नहीं रोक पाएगा वहाँ जाने से। हम लोग भी नहीं समझ पायेंगे कि श्री राम भी आज अपनी अयोध्या नगरी में उपस्थित है । सभी रामायण काल के लोग किसी ना किसी रूप में अयोध्या दर्शन करने आ रहे है।श्री राम मंदिर बनने से आज पूरी प्रकृति आनंदमयीं है ।संपूर्ण ब्रह्मांड जैसे झांक रहा है अयोध्या नगरी को। हम में से किसी ने त्रेता युग की अयोध्या को नहीं देखा लेकिन ऐसा लग रहा है कि शायद ये अयोध्या ये राम मंदिर उस युग से ज़्यादा भव्य , दिव्य है  आज विशेष हमार...

Mataji: A brief Introduction

  Mataji In these times the modern individual is suffering from different sort of problems and most of them are related to the ‘ Manostithi ’ (state of mind) of such an individual. Individuals are getting entangled in the issues of their own creation. Our masters and scriptures have prescribed that the suffering in one’s life is not due to ‘ Paristithi ’ (Situations) but due to ‘ Manostithi ’ and thus to overcome this suffering we need to understand the great complex yet simple science of Mana , (Mind) and through it the high science of Aatma can be understood. Once an individual is able to understand this all the sufferings vanish from his life.   One simple way is through Yoga and Meditation (Dhyana). If one follows this path and is able to get the ‘ Anugrah ’ (grace) of Master, one can succeed in one’s journey. One can attain the supreme stage in Dhyana and can become one with oneself. Such a person not only serves his/her purpose but that of the entire society. Mataji wi...

Sasaram Somnath Mandir Opening

ॐ नमों नारायण ॐ गुरूवे नम: मेरे गुरु पायलट बाबा को कोटि कोटि नमन जिन्होंने मानव कल्याण के लिए इतनी बड़ी धरोहर दिया ७ नवंबर २०२२ ,कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की बैकुंठ चतुर्दशी एक अभूतपूर्व संत समागम एवं अक्षय ऊर्जा केंद्र श्री पूर्वोत्तर ज्योतिर्लिंग सोमनाथ महादेव उद्घाटन की साक्षी रही । परम पूज्य गुरुदेव महायोगी पायलट बाबाजी के अथक भगीरथ प्रयास और संकल्प एक बार पुनः फलित हुआ,एवं पूर्वोत्तर की इस पावन भूमि पर 'पूर्वोत्तर सोमनाथ मंदिर ' का भव्य लोकार्पण किया गया। जिसमें महान संतो, महात्माओं व आचार्य शामिल रहे - स्वामी आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद नन्द गिरि जी,योग गुरु स्वामी रामदेव जी,स्वामी कैलाशा नन्द गिरि जी,  महामंडलेश्वर, वरिष्ठ महामंडलेश्वर अर्जुन पूरी जी महाराज, स्वामी चिदानंद सरस्वती, महामंडलेश्वर श्रद्धा गिरि जी, महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद जी महाराज, महामंडलेश्वर अरुण अवधूत जी, स्वामी कृष्णानंद जी, लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी जी (किन्नर अखाड़ा), महामंडलेश्वर योगामाता केको आइकवा जी (जापान), , महामंडलेश्वर विष्णु देवा नन्द जी (रूस ), महामंडलेश्वर आ...