हे रामा पुरुषोत्तमा नरहरे नारायणा केशवा। गोविन्दा गरुड़ध्वजा गुणनिधे दामोदरा माधवा॥ हे कृष्ण कमलापते यदुपते सीतापते श्रीपते। बैकुण्ठाधिपते चराचरपते लक्ष्मीपते पाहिमाम्॥ राम मंदिर एकता का प्रतीक है ।यह सत्यता का प्रतीक है सनातन का प्रतीक है । यह किसी व्यक्ति विशेष का नहीं है यह मंदिर पूरी मानव जाती के हित का प्रतीक है ।पूरा विश्व सनातनी है । पूरी पृथ्वी एक है ।श्री राजा राम आदर्श वादी राजा रहें है । एक आदर्शवादी जीवन सबके लिए ज़रूरी है । चाहे वो किसी भी धर्म संप्रदाय का हो । आज अयोध्या नगरी इतनी दिव्य भव्य सजी है की कोई देवी देवता अपने आप को नहीं रोक पाएगा वहाँ जाने से। हम लोग भी नहीं समझ पायेंगे कि श्री राम भी आज अपनी अयोध्या नगरी में उपस्थित है । सभी रामायण काल के लोग किसी ना किसी रूप में अयोध्या दर्शन करने आ रहे है।श्री राम मंदिर बनने से आज पूरी प्रकृति आनंदमयीं है ।संपूर्ण ब्रह्मांड जैसे झांक रहा है अयोध्या नगरी को। हम में से किसी ने त्रेता युग की अयोध्या को नहीं देखा लेकिन ऐसा लग रहा है कि शायद ये अयोध्या ये राम मंदिर उस युग से ज़्यादा भव्य , दिव्य है आज विशेष हमार...
Mahamandaleshwar, Juna Akhara