ॐ जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महाद्युतिम। तमो रि सर्वपषपघ्नं सूर्यमषवषह्याम्यहम। ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:।। ॐ ह्रीं घृणि सूर्य आदित्य श्रीं ओम्। ॐ आदित्याय विद्महे मार्तण्डाय धीमहि तन्न सूर्य: प्रचोदयात्। ॐ नमों नारायण🙏🌺ॐ गुरूवे नम: 🙏 मकरसंक्रमण उत्सवस्य शुभाशयाः।🙏🌺 भावार्थः मकर संक्रांति पर्व की शुभकामनाएं। भास्करस्य यथा तेजो मकरस्थस्य वर्धते। तथैव भवतां तेजो वर्धतामिति कामये।। भावार्थः जैसे मकरराशी में सूर्य का तेज बढता है, उसी तरह आपके स्वास्थ्य और समृद्धि की हम कामना करते हैं।🙏🙏🌺🔱 आज का समय कुछ अलग सा है। समय तो एक जैसा रहता है , परिस्थितियाँ हालात बदल जाते है। मनुष्य की सोच बदल गयी है। ये कलयूगी माहौल ने बुद्धि को भ्रष्ट कर दिया है।जो सोच सही दिशा में जानी चाहिए वो हमेशा कुछ ग़लत ही सोचती है।हमेशा दूसरों को कुछ हानि पहुँचाने के लिए तत्पर हो जाती है । इंसान ने अपने ही रिश्ते नाते में आपस में दुश्मनी मोल ले लिया है। छोटी छोटी बातों में तकरार , कुछ ग़लतफ़हमियाँ पाल कर अपने मनुष्य जीवन के उद्देश्य को नाश करने पर तुला है।कुछ जब अच्छा नहीं कर सकते तो दू...
Mahamandaleshwar, Juna Akhara