ॐ अखण्डमण्डलाकारं व्याप्तं येन चराचरम् तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः ॐ नमों नारायण! ॐ गुरूवे नम: समय हर पल बीतता है और हम भी हम हर पल किसी के आशीर्वाद से जीते है।एक दूसरे का भाग्य ही हमें उन्नति की और ले जाता है । एक दूसरे के सहयोग में ही हमारी सफलता छिपी होती है। हम सब मानव की शक्तियाँ कैसे मिलती है ? कैसे हमारी नियति हमें एक दूसरे का सहयोगी बना देती है?ये सब जानना हमारे वश में से बाहर है। कोई महान शक्तियाँ ही होती है , कोई महान गुरु ही होते है जो हम सब लोगों को जोड़ कर रखते है । जब ईश्वर हमें किसी के माध्यम से हमारे जीवन की राह दिखाता है तो हम रास्ते को भूलने की कोशिश करते है सही राह नहि पकड़ते , जब कोई नहि होता तों हम किसी माध्यम क़ो खोजते है जीवन की सही राह ढूँढ़ने का हम मानव बहुत अजीब है जब कुछ सामने है तो उसका मूल्य नहीं ,जब नही है तो खोजते फिरते है? इस पृथ्वी पर आपको अपना कर्म करने भेजा गया है इस पर आपकी सुविधा के लिए ईश्वर ने क्या कुछ उपलब्ध नहि कराया है । जिससे आपका जीवन सहज और सरल हो जाए सबसे मूल्यवान उसने क्या दिया आपको? एक आ...
Mahamandaleshwar, Juna Akhara